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भारत में ज़मानत – प्रकार, प्रक्रिया और जल्दी ज़मानत कैसे पाएं

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भारत सरकार द्वारा तीन नए आपराधिक कानूनों —


  1. भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023,

  2. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023, और

  3. भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA), 2023) — को लागू करने के साथ आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव हुआ है।


इस ब्लॉग में हम समझेंगे कि ज़मानत के प्रकार, प्रक्रिया, और जल्दी ज़मानत कैसे प्राप्त करें, वो भी 2025 के नए कानूनों के अनुसार।


🧾 ज़मानत क्या है?


ज़मानत एक अस्थायी रिहाई है जो किसी आरोपी व्यक्ति को कोर्ट में पेश होने की गारंटी के साथ दी जाती है। इसका उद्देश्य व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा करना है।


हालांकि नया कानून आया है, लेकिन ज़मानत की प्रक्रिया लगभग वैसी ही है जैसी पुरानी दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में थी।


📘 अब कौन सा कानून लागू है?


विषय

पहले का कानून

नया कानून (2023 से)

अपराध की परिभाषा

भारतीय दंड संहिता, 1860 (IPC)

भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS)

प्रक्रिया (गिरफ्तारी, ज़मानत आदि)

दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (CrPC)

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (BNSS)


🔍 ज़मानत के प्रकार (BNSS, 2023 के तहत)


1. नियमित ज़मानत (Regular Bail)


  • धारा 479, BNSS (पहले CrPC की धारा 437)

  • जब व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया हो

  • मजिस्ट्रेट या सेशन्स कोर्ट द्वारा दी जाती है।


2. पूर्व-गिरफ्तारी ज़मानत (Anticipatory Bail)


  • धारा 484, BNSS (पहले CrPC की धारा 438)

  • जब व्यक्ति को गिरफ्तारी की आशंका हो

  • सेशन्स कोर्ट या हाईकोर्ट से आवेदन किया जाता है।


3. अंतरिम ज़मानत (Interim Bail)


  • कुछ समय के लिए अस्थायी ज़मानत जब तक नियमित या पूर्व-गिरफ्तारी ज़मानत पर फैसला नहीं हो जाता।

  • न्यायालय द्वारा शर्तों के साथ दी जाती है।


⚖️ जमानती बनाम गैर-जमानती अपराध (BNS के तहत)


मानदंड

जमानती अपराध

गैर-जमानती अपराध

प्रकृति

मामूली अपराध, ज़मानत का अधिकार

गंभीर अपराध, कोर्ट के विवेकाधिकार पर निर्भर

उदाहरण (BNS)

साधारण चोट (धारा 112), मानहानि (धारा 356)

हत्या (धारा 101), बलात्कार (धारा 63)

ज़मानत कौन देता है?

पुलिस या मजिस्ट्रेट

केवल मजिस्ट्रेट या उच्च न्यायालय

📋 ज़मानत की प्रक्रिया (BNSS, 2023 के अनुसार)


नियमित ज़मानत के लिए (धारा 479 BNSS)


  1. गिरफ्तारी के बाद बेल एप्लिकेशन दायर करें।

  2. कोर्ट यह देखेगा:

    • अपराध की प्रकृति

    • आरोपी का पिछला रिकॉर्ड

    • फरार होने या सबूत मिटाने का खतरा

  3. शर्तों के साथ या बिना शर्त ज़मानत दी जाती है।


पूर्व-गिरफ्तारी ज़मानत के लिए (धारा 484 BNSS)


  1. सेशन्स कोर्ट या हाईकोर्ट में आवेदन करें।

  2. गिरफ्तारी की आशंका के उचित कारण दें।

  3. यदि कोर्ट संतुष्ट है, तो ज़मानत दे सकती है:

    • गिरफ्तारी से सुरक्षा

    • पुलिस जांच में सहयोग का निर्देश

    • क्षेत्र न छोड़ने की शर्त


🏃‍♂️ जल्दी ज़मानत कैसे पाएं?


1. तेजी से कार्य करें


FIR दर्ज होते ही ज़मानत की प्रक्रिया शुरू करें।


2. अनुभवी वकील से संपर्क करें


क्रिमिनल लॉ में विशेषज्ञ वकील बेहतर ज़मानत अर्ज़ी तैयार करते हैं।


3. ज़रूरत पड़े तो अंतरिम ज़मानत लें


जब तक मुख्य ज़मानत याचिका पर निर्णय न हो, इंटरिम बेल लेकर गिरफ्तारी से बच सकते हैं।


4. प्रमाण जुटाएं


स्थायी पता, नौकरी का प्रमाण, मेडिकल रिपोर्ट – सब ज़मानत के पक्ष में काम आते हैं।


5. प्रभावी केस लॉ का इस्तेमाल करें


उदाहरण: Arnesh Kumar बनाम बिहार राज्य (2014) – छोटे अपराधों में गिरफ्तारी को सीमित करता है।


ज़मानत क्यों मना की जा सकती है?


  • अपराध बहुत गंभीर हो (बलात्कार, हत्या, आतंकवाद आदि)

  • आरोपी के खिलाफ पहले भी आपराधिक मामले हों

  • सबूत मिटाने या गवाहों को धमकाने की आशंका हो

  • जांच में सहयोग न कर रहा हो


📚 महत्वपूर्ण धाराएं – BNSS, 2023


विषय

BNSS की धारा

पुरानी CrPC की धारा

जमानती अपराध में ज़मानत

धारा 478

धारा 436

गैर-जमानती ज़मानत

धारा 479

धारा 437

सेशन्स कोर्ट में ज़मानत

धारा 480

धारा 439

पूर्व-गिरफ्तारी ज़मानत

धारा 484

धारा 438


🧾 महत्वपूर्ण निर्णय (अब भी लागू हैं)


  1. Arnesh Kumar बनाम बिहार राज्य (2014)

    • 7 साल से कम सजा वाले अपराधों में तुरंत गिरफ्तारी जरूरी नहीं।

  2. Siddharth बनाम उत्तर प्रदेश राज्य (2021)

    • सिर्फ चार्जशीट दाखिल करने के लिए गिरफ्तारी जरूरी नहीं।

  3. Satender Kumar Antil बनाम CBI (2022)

    • न्यायपालिका को ज़मानत देने में उदार दृष्टिकोण अपनाने की सलाह।


निष्कर्ष


BNSS, 2023 और BNS, 2023 लागू होने के बाद भी ज़मानत का मूल सिद्धांत वही है – व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण। सही जानकारी, अनुभवी वकील, और तुरंत कार्यवाही से आप ज़मानत जल्दी प्राप्त कर सकते हैं।


क्या आपके पास ज़मानत से जुड़ा कोई सवाल है? नीचे कमेंट करें या किसी नजदीकी वकील से संपर्क करें।

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