डिजिटल अरेस्ट और साइबर एक्सटॉर्शन: जागरूक रहें, सुरक्षित रहें
- The Law Gurukul

- 16 जुल॰
- 4 मिनट पठन

भारत के डिजिटल युग में कदम रखते ही डिजिटल अरेस्ट, एक्सटॉर्शन, फ्रॉड और ब्लैकमेल जैसे साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। ये अत्याधुनिक घोटाले डर, भरोसे और जागरूकता की कमी का फायदा उठाकर बुजुर्गों से लेकर पेशेवरों तक को निशाना बना रहे हैं।
द लीगल वॉच का मानना है कि जागरूकता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है। यह व्यापक गाइड आपको इन साइबर खतरों, कानूनी सुरक्षा उपायों और खुद को सुरक्षित रखने के व्यावहारिक तरीकों के बारे में जानकारी देगा।
डिजिटल अरेस्ट क्या है?
डिजिटल अरेस्ट एक भयावह साइबर अपराध है, जिसमें ठग कानून प्रवर्तन एजेंसियों (जैसे CBI, ED, RBI या पुलिस) का रूप धरकर पीड़ितों को यह विश्वास दिलाते हैं कि वे मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग तस्करी या अवैध लेनदेन जैसे झूठे आरोपों में "गिरफ्तार" हो चुके हैं।
यह कैसे काम करता है?
पहला संपर्क – ठग फोन कॉल, ईमेल या मैसेज के जरिए सरकारी अधिकारी होने का दावा करते हैं।
डराकर अलग-थलग करना – पीड़ितों को गंभीर अपराधों का आरोप लगाकर तुरंत कार्रवाई की धमकी दी जाती है, कई बार उन्हें घंटों वीडियो कॉल पर रखा जाता है।
धन की मांग – पीड़ितों से "जुर्माना" भरने या संवेदनशील जानकारी (बैंक डिटेल्स, OTP आदि) देने को कहा जाता है, नहीं तो गिरफ्तारी की धमकी दी जाती है।
चौंकाने वाले आंकड़े (2024):
जनवरी-अप्रैल 2024 तक डिजिटल अरेस्ट घोटालों में ₹120.3 करोड़ का नुकसान।
7.4 लाख शिकायतें राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज।
2024 में अब तक 6,000+ केस दर्ज।
साइबर एक्सटॉर्शन और फ्रॉड के आम तरीके
साइबर अपराधी पीड़ितों को फंसाने के लिए कई तरकीबें अपनाते हैं:
1. फिशिंग और फर्जी KYC स्कैम
"आपका बैंक KYC एक्सपायर हो गया है" या "आपका पार्सल कस्टम में फंसा है" जैसे मैसेज भेजकर मैलिशियस लिंक पर क्लिक कराया जाता है।
2. सेक्सटॉर्शन (Sextortion)
निजी फोटो/वीडियो के जरिए ब्लैकमेल कर पैसे वसूलने की कोशिश।
3. प्रतिरूपण घोटाले (Impersonation Scams)
TRAI अधिकारी, पुलिस या परिवार के सदस्य बनकर फर्जी मुसीबत में फंसने का नाटक कर पैसे मांगे जाते हैं।
4. निवेश और क्रिप्टो फ्रॉड
झूठे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर भारी रिटर्न का लालच देकर पैसे लूटे जाते हैं।
5. डीपफेक और AI स्कैम
AI से बनी आवाज़ या वीडियो के जरिए रिश्तेदारों या अधिकारियों की नकल कर धोखा दिया जाता है।
भारत में साइबर एक्सटॉर्शन के खिलाफ कानून
भारत में साइबर अपराधों से निपटने के लिए मजबूत कानून हैं:
भारतीय दंड संहिता (IPC) / भारतीय न्याय संहिता (BNS)
सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम, 2000
धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA)
महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधान:
अपराध | कानून | सजा |
जबरन वसूली | IPC धारा 384 / BNS धारा 308 | 3 साल तक की जेल + जुर्माना |
आपराधिक धमकी | IPC धारा 503 / BNS धारा 351 | 2 साल तक की जेल + जुर्माना |
पहचान की चोरी | IT अधिनियम धारा 66C | 3 साल + ₹1 लाख जुर्माना |
प्रतिरूपण से धोखाधड़ी | IT अधिनियम धारा 66D | 3 साल + जुर्माना |
निजता का उल्लंघन (सेक्सटॉर्शन) | IT अधिनियम धारा 66E | 3 साल + ₹2 लाख जुर्माना |
अश्लील सामग्री (ब्लैकमेल) | IT अधिनियम धारा 67 | 5 साल + जुर्माना |
क्रिप्टो घोटाले (मनी लॉन्ड्रिंग) | PMLA | 7-10 साल की जेल |
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 की स्पष्टता:
"डिजिटल अरेस्ट" का कोई कानूनी प्रावधान नहीं – कोई भी अधिकारी फोन/वीडियो कॉल पर आपको गिरफ्तार नहीं कर सकता।
पीड़ित गुमनाम रूप से शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
खुद को कैसे बचाएं? करें और न करें
✅ करें:
✔ रुकें, सोचें, फिर कार्रवाई करें – पीएम मोदी के अनुसार, संदिग्ध कॉल्स पर तुरंत प्रतिक्रिया न दें।
✔ तुरंत रिपोर्ट करें – cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें या 1930 (साइबर हेल्पलाइन) पर कॉल करें।
✔ सबूत सुरक्षित रखें – स्क्रीनशॉट, कॉल रिकॉर्डिंग, मैसेज आदि सेव करें।
✔ अकाउंट सुरक्षित करें – मजबूत पासवर्ड + 2FA का उपयोग करें।
✔ कानूनी सहायता लें – साइबर अपराध विशेषज्ञ वकील से सलाह लें।
❌ न करें:
✖ घबराएं या पैसे न दें – ठग बार-बार मांग बढ़ाते हैं।
✖ OTP या बैंक डिटेल्स शेयर न करें – कोई वैध एजेंसी यह नहीं मांगती।
✖ पब्लिक Wi-Fi पर ट्रांजैक्शन न करें – हैकिंग का खतरा।
✖ धमकियों को नजरअंदाज न करें – भले ही फर्जी लगे, रिपोर्ट जरूर करें।
साइबर अपराध की रिपोर्ट कैसे करें?
1. ऑनलाइन शिकायत
cybercrime.gov.in पर जाएं (गुमनाम रिपोर्टिंग उपलब्ध)।
2. हेल्पलाइन नंबर
1930 डायल करें (24x7 साइबर क्राइम हेल्पलाइन)।
3. स्थानीय पुलिस / साइबर सेल
दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे शहरों में साइबर सेल उपलब्ध।
4. महिला हेल्पलाइन
NCW हेल्पलाइन (1091) – महिलाएं ब्लैकमेल के मामले में संपर्क कर सकती हैं।
5. कानूनी कार्रवाई
वकील IPC और IT अधिनियम के तहत कानूनी नोटिस भेज सकते हैं।
सरकार की पहल
✅ भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) – राष्ट्रीय स्तर पर साइबर अपराधों पर नजर।
✅ वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग प्रणाली – ₹3,431 करोड़ बचाए गए।
✅ जागरूकता अभियान – साइबर दोस्त, संचार साथी आदि।
✅ फर्जी SIM/IMEI ब्लॉक – 6.9 लाख SIM व 1.32 लाख IMEI ब्लॉक (2024)।
निष्कर्ष: सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
साइबर अपराधी डर और चुप्पी का फायदा उठाते हैं। इन खतरों और कानूनी सुरक्षा उपायों को समझकर आप खुद को और दूसरों को बचा सकते हैं।
मुख्य बातें:
🔹 कोई सरकारी एजेंसी फोन/वीडियो कॉल पर गिरफ्तार नहीं करती।
🔹 OTP, बैंक डिटेल्स या पासवर्ड किसी के साथ शेयर न करें।
🔹 तुरंत 1930 या cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
🔹 जागरूकता फैलाएं – दूसरों को भी सुरक्षित रहने में मदद करें।
जागरूक बनें, सुरक्षित रहें, और मिलकर एक सुरक्षित डिजिटल भारत बनाएं!
📢 इस गाइड को शेयर कर सभी को जागरूक करें!
⚖️ कानूनी सहायता के लिए साइबर अपराध वकील से संपर्क करें या cybercrime.gov.in पर जाएं।
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